«مَثَلُ الْمُؤْمِنِينَ فِي تَوَادِّهِمْ وَتَرَاحُمِهِمْ وَتَعَاطُفِهِمْ مَثَلُ الْجَسَدِ، إِذَا اشْتَكَى مِنْهُ عُضْوٌ تَدَاعَى لَهُ سَائِرُ الْجَسَدِ بِالسَّهَرِ وَالْحُمَّى».
[صحيح] - [متفق عليه]
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नोमान बिन बशीर (रज़ियल्लाहु अंहु) नबी (सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम) से रिवायत करते हुए कहते हैंः "ईमान वालों का उदाहरण, उनके एक-दसरे से प्रेम, दया और करुणा में, शरीर की तरह है कि जब उसका कोई अंग तकलीफ़ में होता है, तो पूरा शरीर जागने एवं बुख़ार की तकलीफ़ में उसके साथ होता है।"
सह़ीह़ - इसे बुख़ारी एवं मुस्लिम ने रिवायत किया है।
ईमान वाले उसी प्रकार एक-दूसरे पर दया करते हैं, एक-दूसरे से संबंध रखते हैं और एक-दूसरे का सहयोग करते हैं, जिस प्रकार शरीर के सारे अंग एक-दूसरे से जुड़े होते हैं। यदि शरीर का कोई भी अंग कष्ट का अनुभव करता है, तो शेष अंगों को उस कष्ट को तथा उसके परिणामस्वरूप पैदा होने वाली अनिद्रा एवं ताप को साझा करने का आह्वान करता है।
السهر: عدم النوم بالليل.Fubfhbgkvgfhh
تعاطفهم: التعاطف: التعاون.احبكمممممممممممممممممممممممممممممممممممممممم ماعا اناني ااوال ماراتن ادخول ايلى ماوقيعيكوم لاكناهو جاميلون لم اقراءهو لاكن واجادتو هاذيهي العالاماتي وا قارارتو ان ادخولاها وا شوكرن
اشتكى: تألم مما به من مرض.هدا الحديث خاطء