عَنْ أَبِي هُرَيْرَةَ رَضِيَ اللَّهُ عَنْهُ، قَالَ:

مَا عَابَ النَّبِيُّ صَلَّى اللهُ عَلَيْهِ وَسَلَّمَ طَعَامًا قَطُّ، إِنِ اشْتَهَاهُ أَكَلَهُ وَإِلَّا تَرَكَهُ.
[صحيح] - [متفق عليه]
المزيــد ...

अबू हुरैरा (रज़ियल्लाहु अंहु) कहते हैं कि अल्लाह के रसूल (सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम) ने कभी किसी खाने में ऐब नहीं निकाला। यदि इच्छा हुई, तो खाया और यदि इच्छा नहीं हुई, तो छोड़ दिया।
सह़ीह़ - इसे बुख़ारी एवं मुस्लिम ने रिवायत किया है।

व्याख्या

अल्लाह के नबी -सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम- ने कभी भी किसी खाने में ऐब नहीं निकाला। बल्कि यदि इच्छा हुई तो खाया और यदि इच्छा नहीं हुई, तो छोड़ दिया। ऐब नहीं निकाला।

अनुवाद: अंग्रेज़ी फ्रेंच स्पेनिश तुर्की उर्दू इंडोनेशियाई बोस्नियाई रूसी बंगला चीनी फ़ारसी तगालोग सिंहली उइग़ुर कुर्दिश होसा पुर्तगाली
अनुवादों को प्रदर्शित करें

शब्दार्थ

अधिक