عَنْ جَرِيرٍ رضي الله عنه عَنِ النَّبِيِّ صَلَّى اللهُ عَلَيْهِ وَسَلَّمَ قَالَ:

«مَنْ يُحْرَمِ الرِّفْقَ يُحْرَمِ الْخَيْرَ».
[صحيح] - [رواه مسلم]
المزيــد ...

जरीर बिन अब्दुल्लाह बजली- रज़ियल्लाहु अन्हु- रिवायत करते हुए कहते हैं कि मैंने अल्लाह के रसूल (सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम) को फ़रमाते हुए सुनाः जिसे नर्मी से वंचित कर दिया गया, उसे सारी भलाई से वंचित कर दिया गया।
सह़ीह़ - इसे मुस्लिम ने रिवायत किया है।

व्याख्या

यह हदीस तमाम कामों में नर्मी अपनाने की प्रेरणा देती है और यह बताती है कि जिसने रूखा एवं कठोर व्यवहार किया, उसे उसके कर्म की भलाई से वंचित कर दिया जाता है।

अनुवाद: अंग्रेज़ी फ्रेंच स्पेनिश तुर्की उर्दू इंडोनेशियाई बोस्नियाई रूसी बंगला चीनी फ़ारसी तगालोग वियतनामी सिंहली कुर्दिश पुर्तगाली तमिल
अनुवादों को प्रदर्शित करें

शब्दार्थ

अधिक