عَن ابنِ عباسٍ رضي الله عنهما أنَّ رسولَ اللهِ صلي الله عليه وسلم قال:

«لَو يُعطَى النّاسُ بدَعواهُم لادَّعَى رِجالٌ أموالَ قَومٍ ودِماءَهُم، ولَكِنَّ البَيِّنَةَ على المُدَّعِى، واليَمينَ على مَن أنكَرَ».
[صحيح] - [رواه البيهقي]
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अब्दुल्लाह बिन अब्बास- रज़ियल्लाहु अन्हुमा- कहते हैं कि अल्लाह के रसूल (सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम) ने फ़रमायाः अगर लोगों को उनके दावों के आधार पर दे दिया जाए तो कुछ लोग, लोगों की जान और माल का दावा करने लगें। लेकिन, दावा करने वाले को प्रमाण देना है और इनकार करने वाले को क़सम खानी है।

الملاحظة
وأصله في البخاري رقم "4552" ومسلم رقم" 1711".
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وأصله أيضا في اين ماجه رقم " 2321".
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सह़ीह़ - इसे बैहक़ी ने रिवायत किया है।

व्याख्या

इस हदीस में यह सिद्धांत प्रस्तुत किया गया है कि प्रमाणों एवं संकेतों से खाली दावे को ग्रहण नहीं किया जाएगा और इनकार करने वालो को क़सम दिलाई जाएगी, ताकि उचित न्याय किया जा सके, सत्य को स्थापित किया जा सके और प्राण एवं धन को सुरक्षा प्रदान की जा सके। अतः जिसने कोई दावा किया और उसके पास कोई प्रमाण न हो, तो उसके दावे को नकार दिया जाएगा। दावे का संबंध चाहे अधिकारों से हो, मामलात से हो या फिर ईमान एवं ज्ञान के मसायल से हो।

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