«مَنْ صَامَ يَوْمًا فِي سَبِيلِ اللهِ بَاعَدَ اللهُ وَجْهَهُ عَنِ النَّارِ سَبْعِينَ خَرِيفًا».
[صحيح] - [متفق عليه]
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अबू सईद खुदरी- रजयियल्लाहु अन्हु- कहते हैं कि अल्लाह के रसूल (सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम) ने फ़रमायाः जो अल्लाह के मार्ग में एक दिन रोज़ा रखेगा, अल्लाह उसके चेहरे को जहन्नम की आग से सत्तर साल की दूरी तक दूर कर देगा।
सह़ीह़ - इसे बुख़ारी एवं मुस्लिम ने रिवायत किया है।
इस हदीस में नबी -सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम- ने बताया है कि जिसने अल्लाह की राह में (युद्ध करते हुए) एक दिन रोज़ा रखा, अल्लाह प्रतिफल के तौर पर उसके चेहरे को जहन्नम से सत्तर साल की मसाफ़त के बराबर दूर कर देगा। क्योंकि उसने दो-दो कष्ट उठाए; अल्लाह की राह में जिहाद एवं पहरेदारी का कष्ट और रोज़े का कष्ट। यहाँ यह बता दें कि जहन्नम से दूर करने का तक़ाज़ा यह है कि उसे जन्नत से क़रीब कर दिया जाएगा। क्योंकि मार्ग तो दो ही होंगे; जन्नत का मार्ग और जहन्नम का मार्ग।