عَنِ شُرَيْحٍ بنِ هانِئٍ قَالَ:

سَأَلْتُ عَائِشَةَ، قُلْتُ: بِأَيِّ شَيْءٍ كَانَ يَبْدَأُ النَّبِيُّ صَلَّى اللهُ عَلَيْهِ وَسَلَّمَ إِذَا دَخَلَ بَيْتَهُ؟ قَالَتْ: بِالسِّوَاكِ.
[صحيح] - [رواه مسلم]
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शोरैह बिन हानी कहते हैं कि मैंने आइशा- रज़ियल्लाहु अन्हा- से पूछा कि अल्लाह के नबी - सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम- जब घर में प्रवेश करते, तो सबसे पहले कौन- सा काम करते थे? उन्होंने कहाः मिसवाक करते थे।
सह़ीह़ - इसे मुस्लिम ने रिवायत किया है।

व्याख्या

इस हदीस में आइशा -रज़ियल्लाहु अनहा- बता रही हैं कि अल्लाह के नबी -सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम- घर में प्रवेश करने के बाद सबसे पहले जो काम करते थे, वह मिसवाक करना होता था। हालाँकि मिसवाक किसी भी समय की जा सकती है, लेकिन विशेष रूप से उन समयों में उसका महत्व बढ़ जाता है, जिन समयों में इस्लामी विधि निर्माता ने उसकी प्रेरणा दी है। इन समयों में से एक घर में प्रवेश का समय भी है। शायद इसका कारण लोगों से मेलजोल के नतीजे में अधिक बातचीत के कारण मुँह के अंदर जो विकार पैदा हो जाता है, उसका निवारण है।

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