«إنَّ في الجنَّة مائةَ دَرَجَة أعَدَّهَا الله للمُجاهِدين في سَبِيل الله ما بَيْنَ الدَّرَجَتَيْنِ كما بين السماء والأرض».
[صحيح] - [رواه البخاري]
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अबू हुरैरा- रज़ियल्लाहु अन्हु- का वर्णन है कि अल्लाह के रसूल- सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम- ने फ़रमायाः "जन्नत में एक सौ श्रेणियाँ हैं, जिन्हें अल्लाह ने अपने मार्ग में जिहाद करने वालों के लिए तैयार कर रखा है। दो श्रेणियों के बीच उतना फ़ासिला है, जितना आकाश और धरती के बीच में है।"
सह़ीह़ - इसे बुख़ारी ने रिवायत किया है।
इस हदीस में अल्लाह के नबी -सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम- ने अल्लाह के मार्ग में युद्ध करने वाले लोगों की फ़ज़ीलत बताई है और इस बात का उल्लेख किया है कि अल्लाह ने जन्नत में उनके लिए सौ दरजे तैयार कर रखे हैं, जिनमें से हर दो दर्जों के बीच में उतना फ़ासला है, जितना फ़ासला आकाश तथा धरती के बीच में है।