«الحَيَاءُ لاَ يَأْتِي إِلَّا بِخَيْرٍ»، وَلِمُسلمٍ: «الْحَيَاءُ خَيْرٌ كُلُّهُ».
[صحيح] - [متفق عليه]
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इमरान बिन हुसैन (रज़ियल्लाहु अंहु) कहते हैं कि अल्लाह के रसू (सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम) ने फ़रमायाः "हया केवल भलाई ही लाती है।"
एक और रिवायत में हैः "हया भलाई ही भलाई है।" या फिर फ़रमायाः "हया संपूर्ण रूप से भलाई है।"
सह़ीह़ - इसे मुस्लिम ने रिवायत किया है।
हया इनसान का ऐसा गुण है, जो इनसान को अपने व्यक्तित्व को सुरूप एवं सुशोभित बनाने वाले कार्यों को करने तथा कुरूप एवं अशोभित करने वाले कार्यों से दूर रहने पर आमादा करती है। यही कारण है हया केवल भलाई ही लाती है। इस हदीस का परिदृश्य यह है कि एक व्यक्ति अपने भाई को हया के बारे समझा-बुझा रहा था और उसे हया करने से रोक रहा था। ऐसे में अल्लाह के नबी -सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम- ने यह बात कही।