عَنْ عُمَرَ رضي الله عنه قَالَ: قَالَ النَّبِيُّ صَلَّى اللهُ عَلَيْهِ وَسَلَّمَ:

«مَنْ لَبِسَ الحَرِيرَ فِي الدُّنْيَا لَمْ يَلْبَسْهُ فِي الآخِرَةِ».
[صحيح] - [متفق عليه]
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उमर बिन ख़त्ताब (रज़ियल्लाहु अनहु) कहते हैं कि अल्लाह के रसूल (सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम) ने फरमायाः तुम लोग रेशमी वस्त्र न पहनो, क्योंकि जो उसे दुनिया में पहनेगा, वह आख़िरत में उसे पहन न सकेगा।
सह़ीह़ - इसे बुख़ारी एवं मुस्लिम ने रिवायत किया है।

व्याख्या

इस हदीस में मर्दों को रेशमी कपड़े पहनने से मना किया गया है और यह बताया गया है कि उसे दुनिया में पहनने वाला आखिरत में पहनने से वंचित रहेगा, इसलिए कि इनसान को बदला उसी श्रेणी का दिया जाता है, जिस श्रेणी का उसने पाप किया होता है।

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