«إذا سجد أَحَدُكُمْ فَلَا يَبْرُك كَمَا يَبْرُكُ البَعِير، وَلْيَضَعْ يديه قبل ركبتيه».
[ضعيف] - [رواه أبو داود والترمذي مختصرًا والنسائي والدارمي وأحمد]
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अबू हुरैरा- रज़ियल्लाहु अन्हु- से मरफूअन रिवायत हैः ((जब तुम में का कोई सज्दा करे तो उस प्रकार से न बैठे जैसे ऊँट बैठता है और धुटने से पुर्व अपने हाथों को रखे))।
यह हदीस बताती है कि सजदे में जाना कैसे है? इसका तरीक़ा यह है कि पहले दोनों हाथों को रखा जाए और उसके बाद दोनों घुटनों को। लेकिन कुछ अन्य हदीसों में हाथों से पहले घुटनों को रखने की बात आई है। इसलिए दोनों तरीक़े जायज़ हैं। अतः न इसपर अमल करने वाले को गलत कहा जाएगा और न उसपर अमल करने वाले को।