عَنْ أَبِي هُرَيْرَةَ رَضِيَ اللَّهُ عَنْهُ قَالَ: قَالَ رَسُولُ اللَّهِ صَلَّى اللهُ عَلَيْهِ وَسَلَّمَ:

«عَلَى أَنْقَابِ المَدِينَةِ مَلاَئِكَةٌ، لاَ يَدْخُلُهَا الطَّاعُونُ وَلاَ الدَّجَّالُ».
[صحيح] - [متفق عليه]
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अबू हुरैरा (रज़ियल्लाहु अनहु) से रिवायत है, वह कहते हैं कि अल्लाह के रसूल (सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम) ने फ़रमाया: मदीने की गुज़रगाहों पर फरिश्ते नियुक्त हैं, यहाँ न ताऊन प्रवेश कर सकता है, न दज्जाल।
सह़ीह़ - इसे बुख़ारी एवं मुस्लिम ने रिवायत किया है।

व्याख्या

अल्लाह के नबी -सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम- ने इस हदीस में मदीने की एक फ़ज़ीलत यह बताई है कि उसके सभी प्रवेश स्थानों एवं मार्गों में फ़रिश्ते उपस्थित रहते हैं, जो उसकी पहरेदारी करते हैं। अतः उसमें ताऊन, जो एक तेज़ी से फैलने वाली संक्रामक महामारी है और जिसके कारण बड़ी संख्या में मृत्यु होती है, प्रवेश नहीं करता और उसमें काना दज्जाल भी प्रवेश नहीं करेगा।

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